भाई ने भेजा उपहार



भाई ने भेजा उपहार ,
जिसमें बसा था उसका प्यार। 
थोड़ा नटखट थोड़ा होशियार। 
गुस्सा मैं देता मुझे झार ,
छोटा है पर है समझदार। 
चुम लेती मैं माथा उसका ,
होता अगर वो मेरे पास ,
गले लगाकर उसको करती दुलार। 
खुशियां मिले उसे हज़ार। 
जीवन मैं हो फूलों की बौछार।
दिल से दे रही हूँ  ,
आशीर्वाद बार -बार।
-लक्ष्मी सिंह 
-नयी दिल्ली 

Comments

Popular posts from this blog

मैं एक बूढ़ा लाचार गरीब किसान

फूल पलाश के ले आना तुम।

भतीजे को जन्मदिन की बधाई