नन्हा बचपन

                                         


मानस पटल पर आज,
फिर  नन्हा बचपन छा गया।              

धुंधला - सा ,
हर बात याद आ गया। 

वो राखी पर ,
आपस में लड़ना। 
पहले मुझे ,पहले मुझे ,
ऐसा कह ,
कलाई का आगे बढ़ाना। 

सबसे सुन्दर उपहार 
देने की आपस में ,
प्रतियोगिता करना। 

तीन भाई की ,
एक अकेली बहना। 
कितने सुहाने दिन थे ,
उन दिनों का क्या कहना। 

बड़े भाई  की ,
छत्रछाया में आगे बढ़ना ,
और छोटों से लड़ करना। 

थोड़ा लड़ना झगड़ना ,
रूठना, मनना ,
हर बात पर चिढाना ,
एक दूसरे के लिए 
जान हथेली पर रखना। 

मानस पटेल पर आज ,
फिर नन्हा बचपन कहा गया। 

धुंधला - सा ,
हर बात याद आ गया। 
               -लक्ष्मी सिंह 
              -नई दिल्ली 


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