आसमान के काले बदरा





आसमान के काले बदरा 


आज इतना जोर से क्यों बरसा ?


क्या ? 

तेरा दिल भी 

किसी के दर्द में तड़पा ,

जो इतना जोर से बरसा ।




क्या किसी प्रेमी को

अपना प्यार याद आया ,

या किसी विरहन की आँखें

प्रीत को तरसा ।

जो इतना जोर से बरसा ।

क्या ?

तेरा दिल भी 

किसी के दर्द में तड़पा,

जो इतना जोर से बरसा ।




क्या किसी पिता को

अपनी बेटी की याद आई ,

या किसी माँ की ममता 

रात भर रोई ।

जो इतना जोर से बरसा ।

क्या ?

तेरा दिल भी 

किसी के दर्द में तड़पा।

जो इतना जोर से बरसा ।




क्या किसी किसान के घर 

ना जल सका चूल्हा ,

या किसी गरीब का बच्चा 

भूख से रोया ।

जो इतना जोर से बरसा ।

क्या ?

तेरा दिल भी 

किसी के दर्द में तड़पा।

जो इतना जोर से बरसा ।




क्या आतंक और दुराचारी का 

बोझ बढ गया ज्यादा।

ये देख धरती काँप कर रोई ।

जो इतना जोर से बरसा ।
क्या ?

तेरा दिल भी

किसी के दर्द में तड़पा।

जो इतना जोर से बरसा ।




आसमान के काले बदरा,

आज इतनी जोर से क्यों बरसा ?

क्या ?

तेरा दिल भी

किसी के दर्द में तड़पा।

जो इतनी जोर से बरसा।


                       - लक्ष्मी सिंह 
     
                          -नई दिल्ली 

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