मेरे सपनों का भारत
मेरे सपनों के भारत का विश्व में पहला स्थान हो ।
दुनिया में अपने देश का एक अलग पहचान हो ।
राष्ट्रीयता एवं विश्व बन्धुत्व की भावना का निर्माण हो ।
देश, जाति, समाज, समुदाय आदि सभी का कल्याण हो ।
सुरक्षा एवं संरक्षा के लिए एकीकृत आपात कालीन सेवा प्रदान हो ।
आधुनिक समस्याओं का अतिशीघ्र निदान हो ।
भ्रष्टाचार, महँगाई, हिंसा, आतंक
का न नामोनिशान हो ।
आँखों में शर्म, दिल में प्रेम, सुरक्षित सारा
जहान हो ।
संगठित अपराध कर्ताओं एवं अवैध कारोबार पर लगाम हो ।
देश में हर किसी के पास अपना रोजगार एवं काम हो ।
नई चेतना, नई विचारों, नित्य नूतन प्रयोग का विहान हो ।
नया भूगोल, नया संसार और नया इन्सान हो ।
गरीबी,लाचारी, बेरोजगारी से ना कोई परेशान हो ।
एक नया दिन निकले, हर प्राणी के मन का उत्थान हो ।
हर जगह शौचालय, अस्पताल एवं शिक्षण संस्थान हो ।
ज्ञानी जनों का व्यक्तित्व विकास में योगदान हो ।
अब ना गरीबी से आत्महत्या करता किसान हो ।
हरियाली से लहलहाता हर खेत -खलिहान हो ।
सूखा और बाढ़ से ये देश ना कभी परेशान हो ।
लोगों में नई तकनीकी नई सुविधाओं का ज्ञान हो ।
पथभ्रष्ट, दिग्भ्रमित नेताओं के लिए कड़ा संविधान हो ।
हर सामाजिक विकास की जिम्मेदारी का निर्वाहन हो ।
ना कोई छोटा बड़ा ना कोई गरीब ना धनवान हो ।
सारा भारतवासी एक समान हो ।
निर्वस्त्र, भूख से बिलखता बच्चा ना बेघर इन्सान हो
।
हर किसी के पास रोटी, कपड़ा और मकान हो ।
हर दिल में सदा ही सत्य, अहिंसा और ईमान हो ।
देश में कभी ना कोई झूठा, झगड़ा,बेईमान हो ।
ना कोई दुःखी, दरिद्र हो बस हर चेहरे पर मुस्कान हो ।
खाली हाथ उठे नहीं, हाथ उठे तो दान हो ।
हर संस्कृति, धर्म - मर्यादा का मान हो ।
घर में बड़ो और अतिथि का सम्मान हो।
मिल कर रहे भाई -भाई चाहे हिन्दू-मुसलमान हो।
साथ में मनाये ईद ,दीवाली ,होली या रमज़ान
हो
देश के सुरक्षा के खातिर घर-घर में एक सिपाही जवान हो।
जो अपने देश के खिलाफ बोलने वालों का खिंचता जुबान हो।
अपने देश के खातिर हर बच्चा चाहे कि कुर्बान हो।
इस देश के मति के लिए हर नागरिक देशभक्त बलिदान हो।
भारतीय संस्कृति और समाज में
नारी का आदरणीय विशिष्ट गौरवपूर्ण स्थान हो।
बेटा हो या बेटी घर और समाज में दोनों का सामान स्थान हो।
माँ के गर्भ में ना किसी भी
बेटी के देह का अवसान हो।
दहेज़ से प्रताड़ित कोई भी बेटी ना पहुँचती शमशान हो।
इज्जत लूटने वालों के लिए मृत्युदंड का विधान हो।
सभी के दिलों में नारी के
लिए इज्जत और सम्मान हो।
निर्भय होकर निकले सभी दिन -रात चाहे गली मोहल्ला सुनसान हो।
सुख ,चैन ,शांति और अमन से भरा हुआ हमारा हिंदुस्तान हो।
सबसे ऊँचा तिरंगा का शान हो।
मेरा भारत महान हो।
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली
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