अनुप्रास अलंकार युक्त दोहे

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मदमाती मनमोहनी, मनहर मोहक रूप।
मृगनयनी मायावती, मुस्काती मुख धूप।।
🌹 🌹 🌹 🌹 -लक्ष्मी सिंह 💓 ☺

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