





साजन मैं किससे कहूँ, अन्तर्मन की बात।
पल युग जैसे बीतते, कटें न अब दिन - रात।। 1
पल युग जैसे बीतते, कटें न अब दिन - रात।। 1
अंतर्मन में ली सँजो , पिया मिलन की आस।
साजन आकर मिल मुझे, बुझे हृदय की प्यास।।2
साजन आकर मिल मुझे, बुझे हृदय की प्यास।।2
आजा मन के मीत अब,रही देख मैं राह।
इस दिल की तेरे बिना, रही न कोई चाह।। 3
इस दिल की तेरे बिना, रही न कोई चाह।। 3
फीकी धानी चूनरी, बहे दृगों से नीर।
बेसुध तन व्याकुल रहे, चुभें याद के तीर।। 4
बेसुध तन व्याकुल रहे, चुभें याद के तीर।। 4
काले उड़ते मेघ सुन, ले जा यह संदेश।
राह निहारूँ आज मैं, पिया बसे परदेश।। 5
राह निहारूँ आज मैं, पिया बसे परदेश।। 5
दर्द, कसक हर रोज की,तन्हा दिल बेचैन।
जैसे पागल भ्रमर मन, पाए कहीं न चैन।6
जैसे पागल भ्रमर मन, पाए कहीं न चैन।6
दर्द-तड़प-दुख-वेदना, असहनीय ये पीर।
तन जलकर स्याही बनी, साँसे हुई अधीर ।।7
तन जलकर स्याही बनी, साँसे हुई अधीर ।।7
टँगी हुई तस्वीर में,मुस्काते प्रिय आप।
आती-जातीे साँस भी, करती तेरा जाप।। 8
आती-जातीे साँस भी, करती तेरा जाप।। 8
साजन तेरी याद में, बड़ा बुरा है हाल।
तन्हाई डसती सदा, जीना हुआ मुहाल।।9
तन्हाई डसती सदा, जीना हुआ मुहाल।।9
तड़प गई है आत्मा , आए जब तुम याद।
आँखों से आँसू बहे, अधरों पर फरियाद।।10
आँखों से आँसू बहे, अधरों पर फरियाद।।10
दिल तो जलता ही रहा,उन यादों के साथ।
जो संजोई थी कभी , ले हाथों में हाथ।।11
जो संजोई थी कभी , ले हाथों में हाथ।।11
होकर मुझसे तुम अलग , मुझ में रहे विलीन।
खोई गुमसुम - सी रही, सदा याद में लीन ।। 12
खोई गुमसुम - सी रही, सदा याद में लीन ।। 12






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