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सूख गई कोमल सी काया, मन मुरझाया।
चारों ओर घोर तम छाया, मन मुरझाया।
कोमल मन पर घाव कटीले, चुभते सारे,
गहन वेदना गम का साया, मन मुरझाया।
🌹 🌹 🌹 🌹 -लक्ष्मी सिंह 💓 


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