तेरे आने से



तेरे आने से आज एक खता हो गयी ।
मैं शबभर जलती एक समा हो गयी।

रात भर बरसता रहा बादल लगातार,
मेरे दर्द-ए-दिल की दवा हो गयी ।

दिल की उलझने बढ़ती ही गयी,
मेरे इश्क की आज इंतहा हो गयी ।

सारे ख्वाब टूटते ही रहें दिल में,
जमाने के गमों की मैं राबता हो गयी।

मेरी खुद्दारी कदम - कदम पर टूटी,
जिन्दगी मेरी जैसे सजा हो गयी।

मेरी हस्ती मुझ में ही ना बाकी रही ,
मैं टूटे सितारों का एक आसमां हो गयी।
          –लक्ष्मी सिंह
           
             

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