वो है मेरी बेटियां
जिसमें महके प्यार की कलियाँ
वो है मेरी बेटियां
जिसमें बहे सदभावना की नदियाँ
वो है मेरी बेटियां
घर के आँगन में भर दे खुशियां
वो है मेरी बेटियां
जिसमें समाये सारी दुनिया
वो है मेरी बेटियां
ह्रदय मौन भाषा जो पढ़ ले
वो है मेरी बेटियां
सूने मन में रौशनी से भर दे
वो है मेरी बेटियां
जो मेरे जज्बात को समझे
वो है मेरी बेटियां
जो मेरे उलझन को सुलझाए
वो है मेरी बेटियां
-लक्ष्मी सिंह
-नई दिल्ली
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