माँ तेरे दर पर आई हूँ


माँ तेरे दर पर आई हूँ

हाथ जोड़े मैया ,
श्रद्धा का पुष्प मैं लाई हूँ

क्या माँगूं माँ मैं तुझ से
बहुत कुछ कमी हैं मुझ में,
क्या छुपा है तुझ से
सब जानती है ,मैया
जो कुछ भी है मेरे मन में
तेरे चरण में मैया
सर को झुकाने आई हूँ

माँ तेरे दर पर आई हूँ
हाथ जोड़े मैया,
श्रद्धा का पुष्प मैं लाई हूँ

एक तेरा सहारा माँ
एक तेरा भरोसा माँ
जो मझधार मेरी नैया
माँ तू ही है खेवैया
अपने जीवन की नैया
तेरे हवाले करने आई हूँ

माँ तेरे दर पर आई हूँ
हाथ जोड़े मैया ,
श्रद्धा का पुष्प मैं लाई हूँ

लक्ष्मी सिंह  
नई दिल्ली 


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