धनतेरस




धनतेरस पर दिला दे
पिया सोने का हार।
जिसमें जड़ा हो
हीरा कुंदन हजार।
मैं तेरी लक्ष्मी
तू है मेरा कुबेर।
मुझ पर चढा दे सब
अपना धन का ढेर।
खुल जाए तेरी
तरक्की का द्वार।
हर दम भरा रहे
तेरा भंडार।
जिससे खरीदे मेरे लिए
सुन्दर-सुन्दर उपहार।
जिसमें बसा हो पिया
ढेर सारा तेरा प्यार।
चलो मिलकर लेते हैं
ईश्वर का आशीर्वाद।
बनी रहे जोड़ी
बढ़े अपना प्यार।
जेवर गहना भी तू है पिया
तू ही है मेरा रूप-श्रृंगार।
तेरी हर मुस्कान पर
मैं हो जाऊँ निऊछार।
संग -संग बीते
जीवन का सफर।
एक है पीयाअपना
सपनों का नगर।
सदा रहे तुम्हारा साथ।
हाथ में हो तेरा हाथ।
शुभ-मंगलमय हो
ये धनतेरस का त्योहार।




-लक्ष्मी सिंह
-नई दिल्ली
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