यूँ ना रूठो मुझ से…




कैसा है ये कृष्ण की माया
हर गोपी संग कृष्ण की छाया
राधा - कृष्णा, कृष्णा - राधा
जोड़ी युगल बांधे प्रीत की धागा
मुग्ध मगन बासुरी की धुन पर
झूम रहा पूरा वृन्दावन
राधा नाचे,कृष्णा नाचे
नाच रहे है पूरा गोपी जन
नाचे मोर ,पपीहा नाचे
नाच रहें है पूरा उपवन
छम-छम नाच रहे हैं गैया
नाच रहे हैं ग्वाल ग्वलन
पनघट तट झूमे कदंब
नाच रहे हैं यमुना की तरंग
कितना रमणीय कृष्ण की माया
हर गोपी संग कृष्ण की छाया
राधा - कृष्णा , कृष्णा - राधा




-लक्ष्मी सिंह
-नई दिल्ली
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