मेहदीं





हमने हथेली पर लगाई है
पिया तेरे नाम की मेहदीं।
तुम्हारे प्यार की मेहदीं।
तुम्हारे इकरार की मेहदीं।
मेहदीं लगे हथेली को देख
मन में अंदर ही अंदर
एक शोख अंगराई लेती है।
जितना ही होता है
इसका रंग गहरा
उतनी ही हया की लाली
मेरे चेहरे पर इतराती है।
पिया हमारा तुम्हारा प्रेम
मेहदीं के रंग से भी गहरा है।
जिसका रंग
जन्मो-जन्मान्तर तक ना उतरेगा।
तभी तो मेहदीं हमने
तेरे प्यार के रंग से घोला है।
जो मेरी तन -मन
मेरी आत्मा तक रंगा है।
ये रंग उतरे ना कभी
इसकी महक से महके जीवन मेरी।
तमन्ना है कि
सदा सुहागन ही दम निकले मेरी।
खाली हाथ ना विदा करना
पिया लगा देना मेहदीं हथेली पे मेरी।




-लक्ष्मी सिंह
- नई दिल्ली
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