नारी

जननी जन्मदायनी ,
नारी तू नारायणी। 
हर  रूप पूजनीय ,
तेरा स्थान सर्वोपरी।।
🌹🌹🌹🌹🌹
मिली नहीं बराबरी ,
पुरुष प्रधान संस्कृति। 
उपेक्षित सदा रही ,
विडंबना ये सबसे बड़ी।।
🌹🌹🌹🌹🌹
हर युग मैं सदैव ,
तेरी प्रमुखता रही।
जीवन के हर क्षेत्र में ,
सदैव आगे बढ़ी।।

🌹🌹🌹🌹🌹
हर कायरों पर भारी,
समझो फूल नहीं चिंगारी।
देवी शक्ति रूपा माँ काली।
ऐसी है  भारत की नारी।।
            - लक्ष्मी सिंह 🌹💓☺

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