हलधर के सीने

 देख हलधर के सीने पर बंदूक कैसे तन गई,
अन्नपूर्णा घायल हुई लहु से आँचल रंग गई।
देश के अन्नदाता का हाय ये कैसी हालत हो गई।
राजनीति  के आग में इनके  घर की चूल्हा बुझ गई।  
                                      - लक्ष्मी सिंह



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