सरहद के वीर शहीदों को मेरा शत-शत नमन
सरहद के वीर शहीदों को,मेरा शत-शत नमन।
खुद को मिटाकर जो,कर गये सुरक्षित वतन।
खबरदार ऐ सरहद पार,कश्मीर है हमारा चमन।
ललकार हमें मत ऐ कायर,अब नहीं होता सहन।
देख बर्बरता दुष्टों की,लहक रही सीने में अगन।
फिर खून से रंग डाला,स्वर्ग सम अपना गुलशन।
धैर्य,शान्ति,बहुत हुआ,अब करो पापी का दहन।
दो शीश के बदले,काट कर आओ सहस्र गर्दन।
सूनी हुई मांग,उतर गई सुहागन की कंगन।
बिलख-बिलख कर रो रही बेटी,माँ और बहन।
टूटी पिता की लाठी,रास्ता ताके माँ की प्यासे नयन।
बिटिया आस में बैठी,सुना हो गया उसका जीवन।
छप्पन इंच की छाती,सिंह सी बलशाली बदन।
नरेन्द्र भरोसा मत तोड़ो,निभाओ अपना वचन।
सुख नींद सब सो रहे,सरहद पर सैनिक होते हवन।
नित खून से लाल हो,सन रहा केशर घाटी का गगन।
सरहद के वीर शहीदों को,मेरा शत-शत नमन।
मिटा कर खुद को,जो कर गये सुरक्षित वतन।
Comments
Post a Comment