मेहनतकश मजदूर (मजदूर दिवस पर)


🌹🌹🌹🌹

जुझारू,मेहनतकश एक शक्ति क्रांतिकारी।
हर उद्योग में मजदूरों की अपरिहार्य भागीदारी।

🌹

मजदूरों पर देश की समस्त आर्थिक उन्नति टिकी।
मजदूर सभी प्रकार के क्रियाकलापों की है धूरी।

🌹

फौलादी है बाहें इनकी फौलादी हैं मुट्ठी।
नित नव निर्माण के खातिर जलते श्रम की भट्ठी।

🌹

सर्दी-गर्मी सहते ये हर मौसम की मार।
हिम्मत और हौसले को बनाकर अपना हथियार।

🌹

पग-पग कठिनाई और संघर्ष भरी जिंदगी।
अपने जज्बा दमखम से स्वीकारते हर चुनौती।

🌹

दैनिक मजदूरी के आधार पर जीवन यापन करता।
कठिन परिश्रम के बदले कम मजदूरी पाता।

🌹

खून, पसीने, मेहनत, इमानदारी की कमाई खाता।
मेहनत और मजदूरी से सदैव है इसका नाता।

🌹

जीविका उपार्जन हेतु छोड़ा अपना घर-परिवार।
दूर शहर में जाकर करता कुछ रोजगार।

🌹

कोई यहाँ पर बोझा ढोता कोई चलाता ठेला।
कमर तोड़कर मेहनत करता पाता नहीं एक ढेला।

🌹

नहर,तालाब,सड़क,पुल,गगनचुंबी महलों का निर्माण।
कृषि,उद्योग,व्यापार हर क्षेत्र में योगदान।

🌹

आज मशीनी युग में भी कम नहीं हुई इसकी महत्ता।
समस्त क्रिया कलापों में मजदूरों की महत्वपूर्ण भूमिका।

🌹

ये सृजनकर्ता देश की संपन्नता का प्रमुख आधार।
मजदूर के कांधे पर टिका देश का पूरा भार।

🌹

अपना जीवन देकर करता आया देश पर उपकार।
ये कर्मयोगी सदैव प्रशंसा के हकदार।

🌹

देश की तरक्की,प्रगति,राष्ट्र का निर्माणाधार।
देश के हित श्रम करनेववाले गवाकर अपना अधिकार।

🌹

श्रमजीवी मजदूर ही धर्म की रक्षा के प्रत्यक्ष सहायक।
ये कर्मयोगी, मेहनती देश का सच्चा नायक।

🌹🌹🌹—लक्ष्मी सिंह 💓😊

Comments

Popular posts from this blog

मैं एक बूढ़ा लाचार गरीब किसान

फूल पलाश के ले आना तुम।

भतीजे को जन्मदिन की बधाई