हे !नारी शक्ति खुद को जगा ,
हे !नारी शक्ति खुद को जगा ,
अपने अस्तित्व को बचा।
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जब तक नारी ही नारी को छलती रहेगी ,
मर्दों की दरिंदगी बढ़ती रहेगी।
आवाज से आवाज को मिला।
एक दूसरे का हौसला बढ़ा।
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हे !नारी शक्ति खुद को जगा ,
अपने अस्तित्व को बचा।
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जब तक तुम भ्रूण हत्या करती रहोगी ,
नारी इस जग में मरती रहेगी
अपनी शक्ति को बचा ,
अपने रूप को दुनिया में ला।
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हे !नारी शक्ति खुद को जगा,
अपने अस्तित्व को बचा।
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जब तक तू बेटी और बेटा मेँ फर्क करती रहेगी ,
नारी इस जग में प्रताड़ित होति रहेगी ,
इस फर्क को मिटा
बेटी को आगे बढ़ा।
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हे !नारी शक्ति खुद को जगा ,
अपने अस्तित्व को बचा।
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जब तक तुम बहु को बेटी ,सास को माँ न समझोगी ,
इस दुनिया मे औरत तड़पती रहेगी
इस भेद भाव को मिटा,
रिश्ते में मिठास ला।
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हे! नारी शक्ति खुद को जगा ,
अपने अस्तित्व को बचा।
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जब तक ना अपने - आप की खुद इज्जत करोगी ,
ये दुनिया तुम्हे जीने नहीं देगी ,
खुद को सबल बना ,
और अपनी शक्ति को दिखा।
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हे ! नारी शक्ति खुद को जगा ,
अपने अस्तित्व को बचा।
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जब तक न तुम खुद से प्रगति पथ पर चलोगी ,
ये दुनिया तुम्हे आगे बढ़ने नहीं देगी।
खुद ही अपना हौसला बढ़ा ,
निडर बढ़ कदम से कदम मिला।
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हे ! नारी शक्ति खुद को जगा ,
अपने अस्तित्व को बचा।
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जब तक न तुम मुख से अपना हक मांगोगी ,
ये दुनिया तुम्हारा अधिकार छिनती रहेगी।
आवाज तो उठा ,
इस दुनिया को बता।
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हे ! नारी शक्ति खुद को जगा ,
अपने अस्तित्व को बचा
- लक्ष्मी सिंह 😍💓🌸
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