पापा
मैं आपका ही रंग रूप हूँ ,
मैं हूँ आपका आकार पापा।
मेरा जीवन है,
आप का ही आशीर्वाद पापा।
मैं जो बच्चों को देती हूँ
वो आपका ही दिया हुआ है संस्कार पापा।
कभी कहना चाही , पर ना कह पाई
की मेरे दिल में है आपके लिए
कितना प्यार पापा।
कभी आपका सर ना झुके
न ही कभी आपका दिल दुखे
मेरी वजह से
किया है जतन बार - बार पापा
मुझे भूलना मत चाहे कुछ भी हो
दिल के किसी कोने में
छुपा कर कर रखना प्यार पापा।
मैं आऊं या न आऊं
पर सदा करना मेरा इन्तजार पापा।
मेरे मन के आँगन में
मेरे जीवन में है
आपके यादो का बहार।
- लक्ष्मी सिंह
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