खुशी आत्मा की उपज है


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खुशी आत्मा की उपज है।
सबको मिलती नहीं सहज है।

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कोई एक गुलाब से भी खुश हो जाता है।
कोई मँहगा तोफा पाकर भी आँसू बहाता है।

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खुशी मन का एक भाव है।
खुशी सकारात्मक प्रभाव है।

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कोई लाखो कमा कर रोता है।
तो कोई भूखे पेट भी हँसता है।

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खुशी मन की भावना का उदगार है।
खुश रहना हर व्यक्ति का अधिकार है।

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खुशी प्रसन्नता की एक झलक है।
खुशी की हर व्यक्ति को ललक है।

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खुश रहने का एक राज है।
खुशी बाँटना मेरा अंदाज है।

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जहाँ खुशी रहती वहाँ आशा है।
जहाँ खुशी नहीं वहाँ निराशा है।

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खुशी मन की एक भाषा है।
खुशी की नहीं कोई परिभाषा है।

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सब खुश रहे
बस इतनी सी अभिलाषा है।

🌹🌹🌹🌹—लक्ष्मी सिंह 💓😊

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