मैं कविता करूँ..




मैं कविता करूँ
तू हँसता रह.....
मेरी कोई भी
गलती पर बेझिझक
तू टोकता रह....
मुद्तों से बैठकर
मुझ में मुझे
तू सुनता रह....
रूठ जाऊँ जो
कभी तो मुझे
तू मनाता रह....
थामकर हाथ मेरा
कदम - से - कदम
तू मिलाता चल....
तेरे शिवाय कोई
मेरा अपना नहीं
साथ देना मेरा
तू जिन्दगी भर.....
छोड़ कर अकेला
ना जायेगा कभी
बस मुझसे इतना
तू वादा कर.......
-लक्ष्मी सिंह
💓
☺


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