आँखें





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आँखें शरीर का सुन्दर हिस्सा, 
छुपा है इस में दिल का किस्सा।

आँखें होती है मन का आयना,
बयान करती हर एक फसाना।

आँखों की अपनी एक बोली, 
अपनी ही एक अलग है भाषा।

आँखे जीवन का एक किताब, 
कहेअनकहे सवालों का जवाब।

आँखें चेहरे का अनुपम श्रृंगार, 
रूप लावण्य का मोहक बाजार।

आँखें अहसासों का समन्दर, 
नफरत, चाहत इसके अन्दर।

आँखें भोली-भाली कुछ कातिल, 
घायल कितने आशिकों के दिल।

आँखें चंचल जैसे हो झरना, 
विरानों को भी सिखा दे सँवरना।

आँखें ख्वाबों का सुन्दर संसार, 
भुली बिसरी यादों का है दरबार।

आँखें कह दे कल का इतिहास, 
हर रिश्ते नाते से जुड़े अहसास।

आँखें स्पष्ट प्रमाण स्वीकृति, 
पढ़े कोई संवेदनशील व्यक्ति।

आँखें होती आत्मा की परछाईं, 
पढ़ने की हुनर सबको नहीं आती। 
—लक्ष्मी सिंह 💓

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