माँ सरस्वती


हे ब्रह्मा की मानस पुत्री, 
हे विद्या के अधिष्ठात्री देवी वर दे। 
हे माँ सरस्वती, वीणावादिनी वर दे।

मेरी हर एक भावनाओं को स्वर दे। 

मेरे कलम से जो भी शब्द निकले, 

हर एक दिल को छू के गुजरे। 
हर हृदय को झंकृत कर दे। 
मैं मुर्ख, मंदबुद्धि, अज्ञानी, 
अपने शरण में कर ले।
हे माँ सरस्वती, हंसवाहिणी वर दे।

मेरे कविता को छंद बद्ध कर दे, 
इसे अलंकार सेअलंकृत कर दे। 
मन में ज्ञान की शक्ति से भर दे, 
मेरे हृदय को शुद्ध अमृत कर दे। 
बौद्धिक क्षमता विकसित कर दे। 
हे माँ सरस्वती, कमलासिनी वर दे।

तत्पर रहे निरन्तर प्रतिक्षण,
प्रतिपल , सदा लेखनी में, 
दशो दिशाओं को शुद्ध कर दे
ऐसे भाव उपजे मन में। 
पार करे सारी सीमायें 
ऐसी शक्ति का संचार कर दे। 
हे माँ सरस्वती, वीणाधारणी वर दे।

हे ब्रह्मा की मानस पुत्री, 
हे विद्या के अधिष्ठात्री देवी वर दे। 
हे माँ सरस्वती, वीणावादिनी वर दे
—लक्ष्मी सिंह 💓

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