रेल हादसा






भीषण रेल हादसा,
कई जिन्दगियाँ लील गई।
रविवार की सुबह,
ना जाने कितनों के लिए स्याह बन गई।
जलजला आ गया,
धमाका सा हुआ,
सन्नाटा अचानक मातम में तबदील हो गई।
सम्हलने का मौका न मिला,
चंद पलों में,
हर तरफ अफरा-तफरी,
और चीख पुकार मच गई।
बेहद दर्दनाक मंजर,
किसी का हाथ कटा,
किसी का पैर गायब,
जाने कितनें जिन्दगियाँ काल के ग्रास हो गई।
अपनों को ढूंढते परिजन,
मासुमों के चेहरे पर भ्यानक डर,
जिन्दगी के लिए जद्दोजहद,
दिल दहला देने वली स्थिति,
जिसे देखकर पत्थर भी फूटकर रो गई।
क्या भारत में रेल हादसा कभी रूकेगी?
तड़पते हर लोगों के जहन में ये सवाल उठ गई।
प्रशासन की लापरवाही,
ना जाने कितने घर को तबाह कर गई।





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