बाहर से कुछ

🌹🌹🌹🌹

बाहर से कुछ और हो कान्हा,
भीतर से कुछ और......
सीखा है बस दिल को चुराना,
हो छलिया चितचोर.....
🌹🌹🌹🌹—लक्ष्मी सिंह

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