झूठ

🌹झूठ🌹
🌹🌹🌹🌹🌹🌹
सत्य की खोज करना तो है, 
ऋषि - मुनियों का काम। 
आम-आदमी झूठ ना बोले, 
तो जिन्दगी नाकाम।

शपथ लेते समय, 
कितना झूठ बोलना पड़ता है। 
ये बात तो, 
सिर्फ मंत्री ही जानता है।

झूठ के दम पर ही, 
राजनीति का कारोबार चलता है। 
शायद इसी लिए, 
मंत्री-विधायक से कोई 
चरित्र प्रमाण-पत्र नहीं माँगता है।

चल नहीं सकती सरकार, 
अगर वो झूठ ना बोले लगातार। 
झूठ में बड़ी ही शक्ति है, 
सच बोलने में, 
राजा हरिश्चंद्र जैसी दुर्गति है।

झूठ बोलती प्रेमिका, 
सबको ही भाती है। 
सच बोलती पत्नी, 
अच्छी नहीं लगती है।

अब तो झूठ ही 
जीवन का आधार लगता है। 
झूठ बोलकर पति-पत्नी 
का रिस्ता वर्षों तक चलता है।

सच बोलने का, 
बस इतना ही है भय। 
जिस दिन सच बोला, 
समझो तलाक तय।

सच हमेशा
गाली ही खिलवाती है। 
झूठ-बोलना एक कला है,
जो सबको ही भाती है।

कई मरीज ऐसे हैं, 
जिसे डाक्टर झूठ बोला 
और वो बच गए। 
सच सुनकर ही मर गए।

झूठ बोल कर वकील 
मुकदमा नहीं हारता है। 
अब तो भाई झूठ को, 
कौआ भी नहीं काटता है।

🌹🌹🌹🌹—लक्ष्मी सिंह 💓

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