तुम जो आये बहार आई है

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तुम जो आये बहार आई है 
दिल की हर कली मुस्कुराई है।

छोड़कर मुझको अब नहीं जाना 
सहना मुश्किल तेरी जुदाई है।

वक्त कटता नहीं काटे तुम बिन 
सर्प सी डसती ये तन्हाई है। 
🌹🌹🌹🌹-लक्ष्मी सिंह 💓

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