गुरू




माता देती नव जीवन 
पिता है सुरक्षा कवच 
गुरु ईश्वर से बढ़कर 
जो करता है देशों का निर्माण 
 सभी गुरु जनों को मेरा शत -शत प्रणाम 


गुरु ज्ञान का दीप जलाते 
अज्ञान का अन्धकार मिटाते  

सत्य -न्याय का पथ बतलाते 
जीवन संघर्ष  से लड़ना सिखलाते

सच्ची मानवता से मिलवाते 
सही गलत का भेद बतलाते  

गुरु धैर्यता का पाठ  पढ़ाते 
पग -पग पर परछाई बन जाते 

कभी डाँट कर कभी प्यार से 
कितना कुछ हमको सिखलाते 

संकट से लड़ना सिखलाते 
दुःख मे भी हंसना सिखलाते 

जीवन की बुराई मिटाते 
हमें अच्छा इंसान बनाते।
  -लक्ष्मी सिंह 
   -नई दिल्ली  










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