आशाओं के दीप


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आशाओं के दीप जलाओ। 
घृणा-द्वेष मिल दूर भगाओ। 
ममता, समता, मानवता का, 
हर आँगन में पुष्प खिलाओ। 
🌹🌹🌹🌹-लक्ष्मी सिंह 💓

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