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Showing posts from October, 2017

तमन्ना है मेरे दिल की

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तमन्ना है मेरे दिल की एक आखिरी इजहार हो जाये। दुनिया से जाते वक्त आँखों को तेरा दीदार हो जाये। जुबां खामोश हो मेरी चाहे ये सुर्ख लब थरथराते हो, दिल की हर बातों का आँखों से ही सनम इजहार हो जाये। मेरा प्यार,मेरी जिंदगी,हर रोज की है तेरी बंदगी, तुझे पाकर मुकम्मल मैं,तू मेरा खुदा हर बार हो जाये। हर युग हर जीवन में, मैं तुम, तुम मैं रहे प्रिय एक बनकर हम, प्रियतम जन्मों-जन्मों के साथ का तुमसे इकरार हो जाये। मेंहदी रची हाथों में लाल चूड़ी, पैरों में महावर हो, गोटे लगे लाल सुर्ख जोड़े से मेरा श्रृंगार हो जाये। माँग सिंदूर, माथे पर बिंदिया साज श्रृंगार से निखर कर, यह पुनीत मधुर पुण्य मिलन संग जीवन में बहार हो जाये। तेरी बाहों में दम निकले मेरा सनम है बस ये ही दुआ, सच्चे दिल से माँगी मैंने जो दुआ वो स्वीकार हो जाये। —लक्ष्मी सिंह 

आशाओं के दीप

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🌹 🌹 🌹 🌹 🌹 आशाओं के दीप जलाओ।  घृणा-द्वेष मिल दूर भगाओ।  ममता, समता, मानवता का,  हर आँगन में पुष्प खिलाओ।  🌹 🌹 🌹 🌹 -लक्ष्मी सिंह  💓 ☺

मुरली वाले

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🌹 🌹 🌹 🌹 🌹 🌹 मुरली वाले मोहना, मुरली मधुर बजाय।  तेरी मुरली मन हरे, सुध-बुध दे बिसराय।।  🌹 🌹 🌹 🌹 —लक्ष्मी सिंह  💓 ☺

एक आरजू

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🌹 🌹 🌹 🌹 🌹 🌹 एक आरजू है मेरे दिल की दिले जाना।  हो सके तो इस दिवाली पर घर चले आना। बुझी हुई है जो तुम बिन मेरे मन की ज्योति,  रौशनी वफा से करने प्रियतम चले आना। मेरे मन के चाँद अमावस काली रात में,   शीतल निर्मल सी किरणें लेकर चले आना। चिर प्रतीक्षा में प्रिय जगती रही मैं रात दिन,   सातों जनम का वादा निभाने चले आना। विरह वेदना की पीड़ा अब सही ना जाये।   गहन संताप की ज्वाला हरने चले आना। व्याकुल मेरी आँखें एक तेरे दर्शन को,   विचलित चित में नव आश जगाने चले आना।।   🌹 🌹 🌹 🌹 -लक्ष्मी सिंह   💓 ☺