तमन्ना है मेरे दिल की
 
        तमन्ना है मेरे दिल की एक आखिरी इजहार हो जाये।   दुनिया से जाते वक्त आँखों को तेरा दीदार हो जाये।      जुबां खामोश हो मेरी चाहे ये सुर्ख लब थरथराते हो,   दिल की हर बातों का आँखों से ही सनम इजहार हो जाये।      मेरा प्यार,मेरी जिंदगी,हर रोज की है तेरी बंदगी,   तुझे पाकर मुकम्मल मैं,तू मेरा खुदा हर बार हो जाये।      हर युग हर जीवन में, मैं तुम, तुम मैं रहे प्रिय एक बनकर हम,   प्रियतम जन्मों-जन्मों के साथ का तुमसे इकरार हो जाये।      मेंहदी रची हाथों में लाल चूड़ी, पैरों में महावर हो,   गोटे लगे लाल सुर्ख जोड़े से मेरा श्रृंगार हो जाये।      माँग सिंदूर, माथे पर बिंदिया साज श्रृंगार से निखर कर,   यह पुनीत मधुर पुण्य मिलन संग जीवन में बहार हो जाये।      तेरी बाहों में दम निकले मेरा सनम है बस ये ही दुआ,   सच्चे दिल से माँगी मैंने जो दुआ वो स्वीकार हो जाये।    —लक्ष्मी सिंह    
 
 
