कविता कहो या.............

कविता कहो या मेरे दिल का गुब्बार 
या स्याही से बरसते दर्द का बौछार
लिखती हूँ मैं भावनाओं को चुन-चुन 
जो मेरे दिल को देता है सुकून। 
                                -लक्ष्मी सिंह 

Comments

Popular posts from this blog

मैं एक बूढ़ा लाचार गरीब किसान

फूल पलाश के ले आना तुम।

भतीजे को जन्मदिन की बधाई